ओ पल
दो पल उम्र लम्हा लम्हा जरा समल
तन्हाई की मौसम फेरारी हुआ आलम
ओ पल
कब साइन ओ घरी लिकता तुम्हारा हम्हारा नाम
दो पल ओ PAL
जल्दी अर्हा हैं अपपका पेखाघर मै।
दो पल उम्र लम्हा लम्हा जरा समल
तन्हाई की मौसम फेरारी हुआ आलम
ओ पल
कब साइन ओ घरी लिकता तुम्हारा हम्हारा नाम
दो पल ओ PAL
जल्दी अर्हा हैं अपपका पेखाघर मै।
No comments:
Post a Comment